आज के रिश्ते कहाँ इतने सच्चे हैं

*दिल की आवाज
             कविता*

 *आज के रिश्ते कहाँ इतने सच्चे  हैं। यारो,**
*
ये लड़कियां खिलौनों से कम और हमारे जजबातों से ज्यादा खेलती हैं।

 *इसलिए तो अब हम सिंगल ही अच्छे है। ...।*

लेकिन, लेकिन ये दिल  कहाँ  समझता है,
दिल कहता है की ....

 *कोई होना चाहिए, जो रात में तुमसे पूरी रात बात करने के जिद पर आ जाए..*

कोई होना चाहिए, जिसके २ मिनट की नज़रे भी कीमती हो जाए।

 *कोई होना चाहिए , जो तुम्हारा हाथ थामे और सूनी सी सड़को पर लम्बे रास्ते का राही हो जाए..*

कोई होना चाहिए , जिसके मुलाक़ात का वो आखरी पल, और वो छोड़कर जाना थोड़ा मुश्किल सा हो जाए।...

लेकिन दिल कहाँ मानता है, यारों! और आज के रिश्ते कहाँ इतने  सच्चे हैं.

 *इसलिए तो यारों हम सिंगल ही अच्छे हैं।* 🧛🏻‍♂🧛🏻‍♂
 
                     राजन पटेल

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